Saturday, April 9, 2016

"Kaafiron Ki Namaaz" Film review/ Author Nitin

Heartful thanks and best wishes to the entire team of film "Kaafiron Ki Namaaz". And Special thanks to Director Mr. Ram Ramesh Sharma & Producer Bhargav Shaikya because both have been courageous enough such that they have made this film that could be termed as film, drama, poetry & interview. Unfortunately the Censor Board of India has given a great example of its intellectuality again for a film like this and didn’t provide  certificate to it . Don’t know why ? May be they know more about creativity and the social mindset of Indian audience. I am a film lover and I know how to make, read or watch a film. Suppose I want to watch this film in theater will they care about an audience like me . May be not..so I will have to use that phrase, “I am an angel in this cruel world.”  
The film has won best feature film, best debut Director, best screenplay, best actor awards in Ladakh International film festival and is getting good exposure all over the globe.


About the film- Film is about 2.30 hrs long with beautiful songs  ‘झलकियां’ and ‘ये रात मोना लिसा’ . The film was made in 2013 and from that time and since then has been a part of  national & international festivals. There are 4 characters in the film - one court martialed FOZY,  a writer who wants to write a book on this on this army man so that when readers complete the book and ask about this FOZY, he will reply saying the fozy was an immoral man. Third character is an assistant of writer and a “chai vala”. The best thing in film is ……….. well all aspects(like acting, dialogue delivery, costume, screenplay, bgm) best here…just chill.  This film is just like a normal discussion between people as happens in Delhi metro…People start conversations from rising prices to corruption and then switch to global warning.. uff! sorry I meant ‘Global warming’ flow with the hairs of a girl sitting nearby then discuss about the farmer suicides, scotch and whiskey and many more trivial issues.



This is such a soft running film and a bla.. bla.. kind of rough but unique discussion…… focusing on Kashmer,(Angels to jannat me hoti hai,,aur jannat to kashmeer ko kehtey hai), Gandhi, north east, Army, Mandir- Maszid of Ayodhya and porn…….
Friend if you are a film lover, you must watch this beautiful film, You must watch it because its just like chicken soup. Ohh! You are a vegetarian than its just like “Kuttu ke aatey ki roti” in fasting days.  After watching 15 minutes you will get lost in another world where you will automatically swim and move with the dialogues of film. In the end what is the meaning of title ……………….. film making requires a lot of effort and hard work.sadly, if it does not get censorship, too many people's lives are at stake.
It is an appeal to all of you to watch it and support film’s team by commenting/sharing.
link- https://www.youtube.com/watch?v=X2oTnS2oLoI

Few dialogues- 1. ‘At your first time you did with male or female??’’
What ???????…off course sex…yaar.
2.‘कश्मीर में टेररिस्ट नहीं होते, मिलिटेंट्स होते हैं’.
3. “SIRF KAGAJ KE RUPYO ME GANDHI HAI, SIKKO ME NAHI”
4, “Ham angrezi bol ni saktey par hamari samajh me aati hai’

5. Calcutta is a city of hallucinations.
Special recommendation for struggler film makers, music director, sound engineers, and production designer, because more than 70% film ended on a single set.

In the end, best wishes to all the team of film.  

Saturday, April 2, 2016

I AM KOLKATA/ Kolkata flyover collapse


मै कलकत्ता हूँ,  महानगर  कलकत्ता!  

जी हाँ, वेस्ट बंगाल की राजधानी ! 2011 तक मेरी जनसँख्या लगभग 4.497 मिलियन हो चुकी  थी! हुगली नदी के किनारे पर खड़ा मै आज अपने साथ हुई इस दर्द भरी घटना पर अंदर ही अंदर पीड़ा महसूस कर रहा हूँ, जो सदा अपने सुंदरवन डेल्टा (मैन्ग्रोव वनस्पति से भरा हुआ और दुनिया का सबसे बड़ा डेल्टा / वर्ल्ड हेरिटेज साईट) को देखकर मुस्कुराया है ! विक्टोरिया मेमोरियल हॉल (कलकात्ता की सबसे बड़ी मार्बल बिल्डिंग) में एक डर पसरा है! एडन गार्डन मुझसे नजर नही मिला पा रहा जैसे मै दोषी हूँ ! साइंस सिटी (जो कलकत्ता को इंडियन subcontinent में सबसे बड़ा साइंस सेण्टर बनाता है) आज हैरान है तो वहीँ मेरे हावड़ा ब्रिज की आँख में आंसू है!  इंडियन मयूसिएम (देश का सबसे पुराना व् बड़ा मयूसिएम है) साँस लेने में तकलीफ महसूस कर रहा है ! यूँ तो दुनिया में मै अपनी प्रसिद्ध अपनी गगनचुंबी इमारतो के साथ साथ अपनी मीठी बंगला भाषा से विश्व और भारत में अपनी सभ्यता, संस्कृती को भी कायम करते हुए धीरे धीरे विकास की दिशा में अग्रसर था लेकिन आज मौन हूँ!  खामोश हूँ! गला रुंधा सा है मेरा

 देश के अन्य सिटी के जैसे ही यहाँ पर भी कही तो जगमगाती सड़क है और कही पर अपना वजूद खोजती अंधी गलिया ! कई तरह के अन्धविश्वास श्रद्धा का सिटी भी मुझे तुम कह सकते हो! मेरे आगोश कही अमीर तबका air कंडीशन, लम्बी गाडियो के साथ जिन्दगी बिता रहा है, वही, भूख, गरीबी के मंजर भी है ! आजादी के बाद 25 साल कांग्रेस और 34 साल वामपंथियो के हाथ में मेरी डोर रही और मै हमेशा एक अच्छी, ईमानदार पतंग के रूप में उड़ा हूँ ! जो पुल ढह गया है वो मात्र एक पुल नही था बल्कि सैकड़ो जिन्दगिया गुजरबसर करती थी उसके नीचे ! ये लोग मेरे थे, मेरे जिगर के टुकडे, मेरे दिल की रौशनी जिनसे मिलकर ही मेरा अस्तित्व बनता है ! कितने दबे- कितने मरे, कितने अस्पतालों में आखिरी सांसे गिन रहे है! एक तरफ चीत्कार है तो वही दूसरी और राजनीतिक हलचले भी तेज है !


हादसा , दुर्घटना, या भ्रष्ट लोगो की ये कारगुजारी है या कुछ और- ये तो वक्त ही तय करेगा...मगर जो गया वो तो गया! किसी बच्चे को अपने बाप का इंतजार है तो कोई बाप अपने बेटे के लिए दर बदर भटक रहा है! कई बहने सहमी है की अब राखी किसकी कलाई पर सजेगी? किसी माँ की आँखों से आंसू रुक ही नही रहे! वो जिन्दगी जो इसी पुल के नीचे छत और आसमान को अनुभव करती थी वही छत लील जाएगी उनकी जिन्दगी किसको अंदाजा था ! पीड़ादुख तो पहले भी बहुत देखे है मैने मगर अफ़सोस इस बात का है आज की इतनी आधुनिकता, technology, और विचारशील देश में भी मेरे सिने पर इस तरह का हादसा हो सकता है!
मै सिटी ऑफ़ जॉय भी हूँ और राजीव गाँधी का dying city भी! जाने चर्चिल ने क्या देखकर अपनी माँ से बोला के मै एक अजीम शहर हूँ ! बहुत लोगो ने मुझे को अलग अलग नजर से देखा और कहा भी! किपलिंग के अनुसार मै  एक खौफनाक और डरावनी रातो का सिटी हूँ ! वायसराय राबर्ट क्लाइव ने मुझे जाने क्यों  “कायनात की सबसे बुरी बस्ती करार दिया ! विलियम हंटर ने अपनी प्रेमिका को लिखा था तसव्वुर करो उन तमाम चीजों का , जो फितरत में सबसे शानदार है और उसके साथ साथ उन समाम अनासिर का जो तामीर के फन में सबसे ज्यादा हसीन होते है फिर तुम अपने आप कलकत्ता यानि मेरी एक धुंधली सी तस्वीर देख लोगी मशहूर शायर ग़ालिब की आशिकी तो मुजसे इस कदर हुई की उसने कहा
कलकत्ता का जो जिक्र किया तूने हमनशीं /
इक  तीर मेरे सीने में मारा कि हाय हाय /
वह सब्जाजार हाए मुतर्रा कि है गजब /
वह नाजनी बुताने-खुद आरा कि हाय हाय !

किसी ने मुझे कुछ कहा, किसी ने कुछ! मैने सबका नजरिया स्वीकार किया है! क्युकी इन्ही सब लोगो ने मिलकर मुझे बनाया है अच्छाबुरा जैसा भी ! और मै लोगो से अथाह प्रेम करता हूँ ! मुझे मालूम है मेरा अस्तित्व मेरे लोगो से है जिनकी रूह मुज्मे बस्ती है, जो मुजमे साँस लेते है, ये मेरी भीड़ ही तो मेरी पहचान है ! सबसे भीड़ वाला बड़ा बाजार जहा ये निर्माणाधीन पुल गिरा है, यूँ लगता है मेरा सर ही मेरे लोगो पर गिर गया हो ! मुझमे इतनी भीड़ क्यों है ? शायद यही हूँ मै ! कुछ भी रहा मगर मैने लोगो को हमेशा जोडने की कोशिश की है, एक सूत्र में बांधा है सबको! सायद ये मेरी भाषा बंगला का ही करिश्मा है! जिसको यूनिसेफ दुनिया की सबसे मीठी भासा कहता है! मै प्रतीक हूँ औघोगिक क्रांति का! मै हिंदुस्तान के विकास का गीत हूँ!

पुल ढहा है, और राजनीती ? जो फ्लाईओवर गिरा है उसकी नीव 2009 में रखी गई थी! जिसको 2012 में अंतिम रूप दे दिया जाना था मगर सरकार बदल जाने के कारण और लम्बाई बढने के कारन अब तक जिसका निर्माण जरी था ! गिरने से पहले तक इस फ्लाईओवर का लगभग 70 % निर्माण पूरा हो चूका था ! बड़ा बाजार जहाँ ये पुल गिरा उधोग, व्यापार का सबसे बड़ा बाजार है! ये पुल जाने कितनी जिंदगियो की छत बना हुआ था ! मुझे तो आज सियासत से भ्रस्ताचार की गन्दी बू रही है! पर मै इतना बेबसबेहाल हूँ की अपना दुखड़ा भी नही रो सकता! और इस काले मनहूस दिन का गवाह हूँ मै , इसी पुल के नीचे कई रिक्शा वाले, गरीब, गाडिया, ट्रैक दब गए! हाय ! मेरी व्यथा ! मेरे लोगो में तो वैसे ही इतना विरोध था, कही गरीबी, भूख, हिंसा, वह्सत, आपसी टकराव जिससे मै नही उभर पा रहा और अब ये हादसा !
मै भ्रष्ट राजनीती का विरोध करता हूँ, अपने बेटो की मौत पर श्रद्दांजलि देता हूँ और अपने लोगो से जोश के साथ कहता हूँ की होश संभालो, जागो, उठो और मुजमे एक नयी साँस भर दो, बंगाल के बेटो जागना ही एक मात्र रास्ता है!


एक नयी रौशनी की तलाश में आपका शहर कलकत्ता