Monday, November 16, 2015

पेरिस, आतंकवाद, और राजनीती

किसी शायर ने बोला है
      कि वो कोन  लोग है , जो  बम्ब बनाते है !
      उनसे अच्छे है वो कीडे, जो रेशम बनाते है !

          पेरिस में हुई घटना जहा दुःख , दर्द , पीडाए, रोष लेकर आई व्ही अमेरिका व् भारत पर हुए आतंकी हमलो के जख्म भी ताजे कर गई! सोशल साइट्स पर पूरी दुनिया ने और आम लोगो तक ने निंदा की ! पेरिस की बिजी गलिया , बाजार सुनसान है ,, दर्द पसरा है , इन्सान सहमा है , हर तरफ सन्नाटा है! कल तक जिनके साथ मुस्कुरा रहे थे आज उनके लिए आंसू बहाने में लगे है ! घटना के बाद खबर आई की दुनिया की अगुआई करने वाले सभी देश इस आतंकवाद से मिलकर लड़ेगे! एक विस्व्व्यापी तरीको से ! पहले भी इस तरह की घटनाओ के बाद सारी दुनिया के बडे राजनितिक देश यही बोले है ! मगर अब तक सायद कोई कदम नही उठाये गए है पूरी दुनिया की ही तरफ से ! कुछ बाते साझा कर रहा हु – वे लोग जानवर ही कहे जाने चाहिए जो इस तरह से मासूम लोगो का खून बहाते है ! इनके सेकड़ो नाम है ! हर एक व्यक्ति किसी भी घटना पर अपनी समझ के अनुरूप ही राय बनाता है ! अजमल कसाब  19 साल का लड़का मुंबई में खुले आम ,बड़ी निडरता से, गोलिया बरसा देता है मासूमो की जिन्दगिया राख बन जाती है! ध्यान देने वाली बात है 19 साल की उम्र ! यहाँ तो 19 की उम्र में लड़का अपना कच्छा तक अपनी माँ से धुलवाता है ! मूल में देखोगे तो पाओगे की “कसाब या इसी तरह के वे sucide बॉम्बर जिन्होने अमेरिका पर हमले किये या अब पेरिस में”, तो कुछ चीजे स्पस्ट हो जाती है ! 18 से 30 की आयु में किसी का खून बहाना, किसी की जान ले लेना और इसके लिए अपनी जिन्दगी लुटा देना बहुत ही सहास का काम है ! अपनी खुद की जिन्दगी व्ही दाव पर लगा सकता है ,जिसे जिन्दगी का न तो मूल्य मालूम है और न जिन्दगी की परवाह! इन लोगो को अपनी ही जिन्दगी से प्रेम नही तो कैसे ये किसी की जिन्दगी को प्रेम से देख पायेगे ! ये वो लोग है जिनके पास खोने को कुछ है ही नही ,,न इनकी जिन्दगी में सपने है ,न उम्मीदे, न प्रेम ! ये वो लोग है जो अपने ही समाज में जीवन की race में हार गए है ,, इनके पास जीने के न तो मूलभूत सुविधाए है न उनको अर्जित करने का होशला ! 


       हर एक बड़ा आतंकी संघठन किसी न किसी मुल्क की उपज है जिसका इस्तेमाल ये देश करते है दुसरे उन्नत देश के खिलाफ ! अब ये बात लगभग तमाम दुनिया के विचारक जानते है ! इस तरह का कोई भी संघटन जुड़ा होता है राजनेतिक शक्तिओ से ! पूरा इतिहास उठा कर देख लीजिये लगाम तो राजनेतिक लोगो के हाथ में ही होती है बशर्ते ये शांति वार्ताओ या रेलियो की तरह सरेआम न हो ! हमारे जैसे ही आम ,दबे कुचले, पीछे ,कुंठित लोगो को आतंकी संघटन मोहरा बनाते है ! संघटन का मुखिया किसी न किसी राजनातिक ताकतों से जुड़ा  ही होता है वर्ना क्या मजाल दुनिया के 200 से भी जयादा मुल्क जिनकी आबादी लगभग 6.5 अरब मुठी भर आतंकवादियो से डर जाये ! हकीकत यही है के दुनिया भर की राजनीती ने कभी चाहा ही नही की दुनिया में प्रेम, सोहार्द, नैतिकता या मानवीयता विकसित हो! अगर किसी के पास जीने के लिए सभी मूलभूत संसाधन उपलब्ध होंगे तो कोई क्यों चोरी करेगा?, कोई क्यों लूट करेगा? मै या आप चोरी नही करते क्युकी हमारे पास वो सब या तो है या हम अपनी मेहनत से पैदा कर रहे है जो जीवन के लिए अहम् है ! मै या आप कभी किसी का rape नही करेगे क्युकी हम प्रेम को समझते है, मानवीय तथा अमानवीय क्रत्यो का हमको बोध है! ध्यान रखना व्ही इन्सान rape करता है जिसके जीवन में प्रेम का कोई फूल नहीं खिला है! जो  supress है या कुंठित मानसिकता वाला ! जयादातर इस तरह की आतंकी गतिविधिओ में front वाले ये व्ही लोग है जो जिन्दगी से हर गए है ! जिन्हे निम्न कहा जाता है ! इन्ही को मोहरा बनाया जाता है और ये बन जाते है क्युकी हारी, दबी, कुचली, नाउम्मीदी से भरी जिन्दगी में थोड़ी सी गलत शिक्षा व् थोडा सा लालच उजाले की किरण जैसा महसूस होता है ! और इसी तरह ये संघटन बडे और रोज बडे होते जाते है और फिर राजनीती की सह में ये खेलते है इस तरह के खुनी खेल !


       आज इस जमीन पर इतना परमाणु हथियार है की इस पूरी प्रथ्वी को लगभग 100 बार नष्ट किया जा सकता है ! 100 बार .....!!!! और देखो अब भी दुनिया रुक नही रही रोज हम हथियारों की नयी फसल बोने में लगे है ! दुनिया भर के राजनेता कहे चले जाते है की ये सब सुरक्षा के लिए है !!!??? यहा हर किसी को हिटलर बनना है किसी को कबीर या जीसस बंनने में दिलचस्पी नही ! हर जगह हथियार बनते है,, पूरी जमीन पर... छोटे बडे स्तर पर ! और सबसे बड़ी मुर्खता देखो व्ही देश बड़ा है जो इस तरह की शक्तिओ में ऊपर है ! और दुनिया को ये बताया जाता है यही सिखाया जाता है की यही है developement का सही पैमाना !!??? और हम जैसे आम लोग पूरी दुनिया में सदियो से फुद्दू बनते आ रहे है की सच में येही विकास है ! क्या लगता है इन हथियारों से अंगूर का रस निकलेगा ?? या प्रेम की गंगा बहेगी ? पूरी मनुष्य जाती पागलपन की तरफ बढ़ रही है बल्कि दोड़ रही है ! युद्ध के पाठ्क्रम है, कॉलेज है, शिक्षाए है, पूरा प्रबंधन है, सभी देशो में !!!!!!!!! सारी दुनिया खोज लो आप प्रेम की, भावनाओ की, सोहार्द की शिक्षाओ के लिए एक भी institute खोज पाना मुस्किल है ! क्युकी प्रेम तो युद्ध के विपरीत है! राजनीती प्रेम से नही युद्ध और डर से चलती है! मूलभूत शिक्षाए ही मनुष्य को गलत दी जाती रही है शदियो से!  3 हजार सालो में इस जमीन पर 5 हजार युद्ध लडे गए है ,,कितने ही मासूम मर दिए जाते है बेवजह जिनसे किसी देश या सरकारों को कोई लेना देना नही ! कभी इन युद्धों को ,इन हत्याओ को नाम दिया जाता है धर्म का, कभी सुरक्षा का और भी न जाने क्या क्या ..... सही अर्थो में मनुष्य न तो प्रेम और ही धर्म को सही से सिख पाया आप देखे इतना कुछ प्रेम और धर्म पर बोला गया है ,खोजा गया है और किसी विषय पर नही! चेतना उच्च सिखर तो प्रेम और धर्म ने दिए है इस जमीन को ..महात्मा बुध, कबीर , जीसस , नानक, कृष्णा, मोहम्मद साहब, लाओत्से, और राजनेति ने दिए चंगेज खा, तमूर लंग , इडियट हिटलर, सिकंदर, नपोलियन, स्टॅलिन , मुसोलिनी!




आम लोगो से सारे मुल्को में सिर्फ वोट मांगे जाते है, न उनसे कुछ पूछा जाता है, न बताया !!! गरीब देशो को विध्वंशक हथियार दिए जाते रहे है,,बहुत अधिक तादात में और फिर लोगो को लड़ा दिया जाता है ! आज हम कुछ भी सोचे ..किसी को भी अपना भगवान् माने राजनातिक कभी नही चाहेगा की आतंकवाद को जड़ से ख़त्म किया जाये! उपरी लिपा पोती संभव है ! हिटलर ने अपनी बायोग्राफी में लिखा है “ जब तक तुम्हारे दुश्मन न हो तुम महान नेता नही बन सकते, और अगर दुश्मन ना हो तो जूठे दुश्मन निर्मित करो और चिल्लाओ की देश खतरे में है क्यकी लोगो में जब भय होगा तभी वे गुलाम बनेगे और राजनेतिक लोगो का अनुसरण करेगे” और उस पागल हिटलर की ये बात हर राजनेता दोहराए चला जा रहा है सारी दुनिया में !
राजनेतिक लोगो ने करीब करीब इस धरती को विध्वंशक स्तिथि में पहुचा ही दिया है ! बस , रेल , कार , जहाज , आणविक sabmarine हर जगह हथियार है, कहा, कब, कोन किसको रोंद दे इसकी कोई खबर नही हैं ! कोई भी सुरक्षित नही है जमीन पर ! प्रथ्वी से जीवन एक ही झटके में ,,एक ही बटन पर ख़त्म करने में राजनीती लगभग सफल रही है ! चुकी विज्ञान भी इन्ही शक्तिओ के हाथ है ! प्रेम और धर्म जब दास बन जाते है तो ये ही कल्पना की जा सकती है ! सबसे मजे की बात ये है इतनी बड़ी मानव आबादी इस जमीन पर –ये मानने लगी है की ये पागलपन की अंधी दोड़ ही विकास है !!!!!!!????????
सबसे बुरी खबर ये है दोस्तों की इस जमीन से युद्ध कभी सायद अब ख़तम नही हो सकते, क्युकी जमीन पर इतना हथियार बनाया जा चूका है जिस पर हर मुल्क का अरबो में इन्वेस्टमेंट है ! अगर शांति कायम हो गई तो इतनी बडे इन्वेस्टमेंट की भरपाई कैसे होगी और कोई मुल्क नही चाहता की उसके हतियारो में जंग लगे ! चीजे बहुत बुरी तरह उलझ गई है !! सारी दुनिया के शीर्ष राजनेतिक लोगो में अगर महिला, धर्म को समजने वाले और वैज्ञानिक अगर अपनी जगह बना पाए तो ही नयी ,शांतिपूर्ण , प्रेम, मानवीयता से लबरेज दुनिया की कल्पना की जा सकती है वर्ना तो लगभग आज मनुष्य ने अपनी कब्र लगभग खोद ही ली है !...................................
 प्रेम में डुबो और सुगंध फैलने दो ..

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